MISSION TO SPREAD FINANCIAL AWARENESS AMONGST EMPLOYEES
MISSION TO SPREAD FINANCIAL AWARENESS AMONGST EMPLOYEES
1. मेडिकल कोमा में है, काम आएगा ड्यूरेबल पावर आफ एटॉर्नी - जैसे जैसे उम्र बढ़ती है एक समय आता है जब आदमी दूसरों पर पूरी तरह निर्भर हो जाता है - प्रश्न सिर्फ यह है कि कब और कितने समय के लिए। सिर्फ बुढ़ापा ही नही, आदमी किसी बीमारी या दुर्घटना से भी अक्षम हो जाता है - जैसे डिमेंशिया या पार्किंसन रोग
2. एकाउंट एग्रिग्रेटर - यदि आपको बैंक से लोन लेना है तो बैंक वाले आपसे कई तरह की जानकारी मांगते हैं जैसे कि बैंक बैलेंस, निवेश, इनकम टैक्स भुगतान, पी पी एफ आदि। इन जानकारियों के लिए आपको कई बैंकों में जाना पड़ता है, साथ ही साथ अप-टू-डेट जानकारी भी दी जानी होती है। ऐसी स्तिथि में समझ जा सकता है कि कितनी भाग दौड़ होगी।
3 . पी पी एकाउंट के सम्बन्ध में नए नियम -
1. पत्नी और बच्चे की आय आपकी आय में जुड़ेगा (क्लबिंग ) -
2. घर बचने पर क्या होगा ?
"How to retire Happy, Wild and Free" - पुस्तक में सेवानिवृति पस्चात समय के प्रबंधन के सम्बन्ध में बहुत अच्छे सुझाव दिए गए है जिनमे से संक्षेप में कुछ का विवरण निम्न है -
याद रखे यह अंतिम अवसर है जब आप वह कर सकते है जो आप कभी करना चाहते थे |
1 . नई पेंशन योजना vs पुरानी पेंशन योजना - प्रदर्शनों की तुलना -
सरकारी कर्मचारियों के बीच बड़ी चर्चा है कि कौन सी पेंशन योजना ज्यादा बेहतर है - नई या पुरानी | यह जानने के लिए कि कौन सी पेंशन स्कीम बेहतर है, यह पता करते हैं कि निवेशित राशि पर कितना वार्षिक व्याज प्राप्त हो रहा है या सेवानिवृति पर कितनी राशि प्राप्त होगी |
2. महिला सम्मान बचत पत्र - 1 अप्रैल से इस नई बचत योजना की शुरुआत हो गयी है जो डाक घरों में उपलब्ध है | इस योजना में प्रति वर्ष 7.5 % प्रतिवर्ष व्याज प्राप्त होगा जो कि दो वर्ष के लिए सभी बेंकों में सर्वाधिक है | सभी प्रकार की महिलायें - शादी या गैर शादी शुदा- इसमें निवेश कर सकती है|
1. सेवानिवृति पर मिली राशि का 20 वर्षों के लिए वितीय प्रबंधन -
2. डिजिटल लेंडिंग के नए नियम -
3. लाकर में चोरी के नए नियम -
1. चक्रवर्द्धि व्याज - राशि 30 साल में 20 गुना
2. क्या पत्नी के खातों की जानकारी आयकर विभाग को है ?
3. पैन को आधार से नहीं जोड़ने पर अर्थ दंड - अपने पैन को आधार से जोड़ना आवश्यक है , यह आप आयकर विभाग के वेबसाइट पर जाकर कर सकते है | यदि आप ऐसा भी तक नहीं किया है तो यह आप अभी रु 1000 अर्थ दंड देकर कर सकते हैं| यह दंड आगे और भी बढेगा| पता होना चाहिए कि यदि आपका पैन एक्टिव नहीं है तो आपको दुगुना टैक्स ( टी डी एस ) देना होता है |
1.नए क्रेडिट कार्ड नियम -बैंक पर रु 500 प्रतिदिन की पेनाल्टी
2. मुद्रास्फुर्ति (Inflation ) - रु 100 दस साल में घट कर रु 53 हो गया- कैसे बचें-
3. तीन साल से पुराने आयकर प्रकरणों को पुनः खोला नहीं जा सकता है - आय विभाग ने आर्डर जारी कर दिया है जिसके अनुसार अब तीन साल से पुराने प्रकरणों में नोटिस नहीं जारी किया जायेगा यदि छिपाए गए आयकर की राशी रु 50.00 लाख से कम है |
4. सेवा निवृत कर्मचारियों से अधिक भुगतान की राशी की वसूली नहीं - मान सर्वोच्च न्यायालय ने अपने एक हालिया फैसले में यह स्पष्ट कर दिया है कि सेवानिवृत कर्मचारियों से उस राशी की वसूली नहीं की जा सकती जो उनको गलत इन्क्रीमेंट या अन्य कारणों से मिल गयी है, लेकिन यदि कर्मचारी यह जानता था कि उसको गलत भुगतान हुआ है और यह बात उसने छुपाई है तो उस केस में उसे राशी लौटानी होगी |
1. नए पेंशन नियम (National Pension Scheme) लाभ - यदि आप अपने एवं अपने परिवार के लिए धन सृजित करना चाहते है तो यह सिर्फ नए पेंशन नियम द्वारा ही क्या जा सकता है |
2 . क्रिप्टो करेंसी / एसेट पर लाभ पर 30 % आयकर - इसकी घोषणा इस बार के बजट में की गयी है | साथ ही, क्रिप्टो करेंसी से हुए घाटे को न तो किसी अन्य आय से एडजस्ट किया जा सकता है और न ही घाटे को आगे वर्षों में कैर्री फॉरवर्ड किया जा सकता है जैसा अन्य आय के साथ होता है |
3.वैकल्पिक विवाद निवारण के तरीके - वैकल्पिक विवाद निवारण के तरीकों ( Alternative Dispute Resolution Methods ) का उपयोग इस लिए किया जाता है क्योंकि यह सस्ता है, इसमें समय कम लगता है - और सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें किसी की हार या जीत नहीं होती जबकि न्यायालय में एक पक्ष जीतता है और दूसरा हारता है | वैकल्पिक विवाद निवारण के मुख्यतः निम्न तीन तरीके हैं -
1. घर बैठे सेवानिवृत कर्मचारियों का जीवन प्रमाण पत्र - सेवानिवृत सरकारी कर्मचारियों के लिए जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की तिथि 28 फ़रवरी 2022 तक बढ़ा दी गयी है | अब जीवन प्रमाण पत्र घर पर ही तीन तरीकों से बनाया जा सकता है -
a. देश के 12 सरकारी बैंकों ने घर पर बैंकिंग सेवाएँ देने के लिए एक संगठन बनाया है| इन सेवाओं में घर बैठे जीवन प्रमाण पत्र बनाना भी है | जीवन प्रमाण पत्र बनाने के लिए उनका मोबाइल एप्प डाउनलोड करना होता है या टोल फ्री न. 1800 121 3721 या 1800 103 7188 पर फ़ोन करने पर बैंक का प्रतिनिधि घर आ जाता है और घर पर ही जीवन प्रमाण पत्र बना देता है |
b. जीवन प्रमाण पत्र डाक घर (Post Office ) द्वारा भी बनवाया जा सकता है | सर्विस बुक करने पर डाकिया घर आ जाता है और घर पर ही जीवन प्रमाण पत्र बना देता है |
c. जीवन प्रमाण पत्र " कॉमन सर्विस सेंटर" से भी बनवाया जा सकता है जिसके केंद्र सभी ग्राम एवं शहरों में हैं| यहाँ सेवानिवृत कर्मचारी का बायो-मीट्रिक सत्यापन के पश्चात जीवन प्रमाण पत्र जारी किया जा सकता है और सीधे ऑनलाइन बैंक को प्रेषित किया जा सकता है
2. वार्षिक आय विवरणी ( Annual Income Statement )- आयकर विभाग अब आपके वर्ष भर प्राप्त आय और व्यय का विवरण आपको उपलब्ध करा देता है | आयकर विभाग के वेबसाइट पर लाग-इन करने पर दिखाई देता है| इसपर 46 प्रकार के आय, व्यय और निवेश का विवरण दिखाई देता है जिनमे से कुछ मुख्य निम्न है -
a. प्राप्त वेतन, मकान किराया, बैंक व्याज
b. शेयर, म्यूच्यूअल फण्ड- खरीद, बिक्री
c. प्रॉपर्टी की खरीद बिक्री
d. ज्वेलरी, सोना, बैंक ड्राफ्ट की नगद खरीदी
e. वाहन की खरीद-बिक्री
f. भविष्य निधि, इंश्योरेंस, लाटरी आदि से आय
जनवरी, फ़रवरी, माह में आयकर विवरणी देना होता है और फिर जुलाई तक रिटर्न भरना होता है | इससे पहले आपको अपना " वार्षिक आय विवरण ( Annual Information Statement )" देखना जरुरी है - यदि आपका AIS बैंक से व्याज प्राप्त होना बताता है तो इसपर आपको आयकर देना होगा| यदि आपका " वार्षिक आय विवरणी" आपके द्वारा कार खरीदना बता रहा है तो आपको अपने आयकर में उस आय को प्राप्त होना बताकर उसपर आयकर देना होगा जिससे आपने कार ख़रीदा है | " इनफ़ोसिस" कम्पनी ने आयकर विभाग के लिए नया कंप्यूटर सॉफ्टवेयर बनाया है जो बहुत ही ताकतवर है और छोटे से छोटा आय व्यय दिखा देता है | गलत आयकर देने पर आपका सी ए या आपका स्थानीय आयकर कार्यालय आपकी कोई मदद नहीं कर पायेगा क्योंकि सुबकुछ "नॉएडा" से कंट्रोल होता है |
3. पुराने आयकर प्रकरण खोलने की समय सीमा - दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है जिसके अनुसार आयकर विभाग 03 साल से पुराने आयकर केस को खोल नहीं पाएगा | इस साल बजट में भी घोषणा की गयी थी| पूर्व में 07 साल तक पुराने आयकर केस को खोला जा सकता था |
1. बैंक नहीं जाना है, बैंकिंग एजेंट ( Banking Correspondent ) के पास जाए -
2. अवस्यक बच्चे का प्रथम अभिभावक पिता है, माता नहीं -
3. एक या दो क्रिप्टो-करेंसी ही बचेंगे - श्री रघुराम राजन पूर्व आर बी आई गवर्नर का कहना है कि अभी मौजूद लगभग 6000 क्रिप्टो करेंसी में से सिर्फ एक या दो ही बच पाएंगे |
1 अक्टूबर से ई पी से आधार लिंक करवाना आवश्यक - यदि अपनेअपने ई पी एफ खाता अर्थात यू ए एन ( यूनिवर्सल एकाउंट नंबर ) से आधारनया को लिंक नही किया है तो 01 अक्टूबर 2021 से आपका नियोक्ता आपके ई पी एफ खाता में अंशदान नही डाल पायेगा।साथ ही साथ आप ई पी एफ कहते से राशि निकल भी नही पाएंगे ।
2.पेंशइननर के लिए जीवन प्रमाण पत्र आपके द्वार पर - 12 सरकारी बैंकों के संगठन ने सेवानिवृत व्यक्तियों के लिए उनके घर पर जीवन प्रमाण पत्र बनाने की सुविधा शुरू की है। पेंशनर के द्वारा फ़ोन करने पर कर्मचारी घर पर आएगा और आपके कागजात जैसे आधार कार्ड आदि से सत्यापन कर जीवन प्रमाण पत्र तुरंत ही जारी कर देगा जिसे आप सीधे ही ऑनलाइन अपलोड कर सकते हैं। ऐसी ही सेवा पोस्ट आफिस द्वारा भी प्रारंभ की गई है। और इसके लिए फीस भी काफी कम है - स्टेट बैंक में सिर्फ रु 75 ।3
3.नया ऍन पी एस नियम - एन पी एस के नए नियम के अनुसार अब कोई व्यक्ति 70 साल की उम्र इन पी एस ( नेशनल पेंशन स्कीम ) का खाता खोल सकता है। साथ ही कोई व्यक्ति अब इसमें 75 साल तक निवेश कर सकता है। पूर्व में यह सिमा क्रमसः 55 तथा 60 वर्ष तक ही था। जो व्यक्ति सरकारी कर्मचारी नही है वह अब "एक्टिव चॉइस " विकल्प के अंतर्गत 50 % राशि इक्विटी में निवेश कर सकता है, पहले यह सिमा 15 % थी। यदि आपकी जमा राशि रु 5.00 लाख से कम है तो पूरी राशि एक साथ निकल सकते है - 40 % राशि से इक्विटी खरीदने की आवश्यकता नही है। इन पी एस ने पिछले 03 साल में 12 % रिटर्न दिया है, जो ई पी एफ के 8.75 रिटर्न से अधिक है।
4.मल्टी-एसेट फण्ड - यह एक नया फण्ड तरह का फण्ड है जिसमे निवेशित राशि इक्विटी, डेब्ट, सोना, रिट, आदि में एक साथ निवेश की जाती है। किस एसेट क्लास में कितनी राशि निवेश की जाएगी - इसका निर्णय फण्ड मैनेजर लेता है। यह माना जाता है कि अलग अलग एसेट क्लास अलग अलग समय मे अच्छा रिटर्न देता है। अतः इन फण्ड के रिटर्न में स्थिरता रहेगी तथा बैंक फिक्स्ड डिपाजिट से अच्छा रिटर्न मिलेगा।
1.सेवानिवृति के उपरांत घर को बेचे बिना घर के रिवर्स मोर्टगेज से मासिक आय -
2. उम्र का तकाजा पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी ( मुख्तारनामा) -
3. नए लाकर नियम -
1. असमर्थ रिश्तेदार की आर्थिक सुरक्षा -
2.टी डी एस ( स्त्रोत पर आयकर कटौती ) काटने की व्यक्तिगत जिम्मेवारी -
3. कोरोना लोन पर आयकर नहीं - यदि किसी ने कोरोना के इलाज के लिए किसी रिश्तेदार, दोस्त आदि से ऋण लिया है तो यह आय नहीं माना जायेगा और इसपर कोई आयकर नहीं लगेगा |लेकिन इसके लिए हॉस्पिटल के खर्च का रिकॉर्ड रखना होगा | इसीप्रकार मृत्यु होने पर कंपनी आदि से प्राप्त होने वाली एक्स-ग्रासिया राशी पर दस लाख तक कोई आयकर नहीं लगेगा|
4. सिर्फ हॉलमार्क ज्वेलरी की बिक्री - 01 जुलाई से सभी आभूषण हालमार्क ही बिकेंगे | 22,18 और 14 केरेट आभूषण पर क्रमशः 916, 750, 585 की मार्किंग होगी |
5. बैंक फिक्स्ड डिपाजिट के व्याज पर दुगुना आयकर- यदि किसी ने दो साल से आयकर रिटर्न जमा नहीं किया है और उसको बैंक फिक्स्ड डिपाजिट या डिविडेंड से काटने वाला टी डी एस की राशि रु 50,000 से अधिक है तो आपको निर्धारित आयकर दर से दुगुना आयकर देना होगा | यदि आपने अपना PAN भी नहीं दिया है तो स्त्रोत पर आयकर कटौती की दर व्याज राशी पर 20 % है |
1.एच यू ऍफ़ ( Hindu Undivided Family ) बनाकर 30 % तक आयकर बचाए -
2. क्रेडिट कार्ड का मायाजाल - यदि आप क्रेडिट कार्ड बकाया का भुगतान ब्याज-फ्री अवधि में नहीं करते हैं तो 2.5 % से 4 % प्रति माह ब्याज के रूप में देना होता है| " ब्याज-फ्री" अवधि सामान्यतः 20 से 50 दिन होता है जिसके अन्दर यदि क्रेडिट कार्ड का प्रयोग कर व्यय की गयी राशी वापस कर दी जाती है तो बकाया पर कोई ब्याज नहीं लगता है | आइयें देखें कि क्रेडिट कार्ड के उपयोग पर कौन सी फीस लगायी जाती है -
इसके विपरीत डेबिट कार्ड पर कोई चार्ज नहीं लगता | क्रेडिट कार्ड मछली के चारे की तरह बैंकों द्वारा दिया जाता और उम्मीदकी जाती है कि कभी तो आप बकाया भगतान करने में चुक करेंगे| अतः क्रेडिट कार्ड का उपयोग तो करें पर बहुत आवश्यक है कि बकाया का भुगतान समय से कर दिया जाये |
अतः शिक्षा ऋण लेना बुद्धिमानी भरा निर्णय है|
1. बीमा पालिसी खरीदनें में उलझने ( confusion) दूर -
इस प्रकार बीमा विनियमक और विकास प्राधिकरण ने बीमा की नियम एवं शर्तों को तय करके ग्राहकों कि बहुत बड़ी उलझन दूर कर दी है | ग्राहक " सरल" नाम से शुरू होने वाली पॉलिसी बिना किसी शंका के ले सकता है | इनका प्रीमियम भी सबसे कम होता है और नियम और शर्तें भी सभी कम्पनी के लिए लगभग एक सामान ही है |
2. बजट 2021 - कर्मचारियों के लिए काम की बातें ( पार्ट - || ) -
(A ) बूढ़े या अशक्त व्यक्तियों द्वारा बैंक खातों का संचालन - कई परिस्तिथियों होती है जब व्यक्ति अपना बैंक खाता स्वयं संचालित नहीं कर पता है - किसी दुर्घटना या किसी रोग से जैसा- लकवा, ब्रेन स्ट्रोक आदि से |इन परिस्तिथियों के लिए आर बी आई का बैंकों को निर्देश है कि -
(B )बजट 2021 - कर्मचारियों के लिए क्या है ?-
( बजट में अगले अंक में भी चर्चा कृपया देखें )
1.यदि कोई देहांत के बाद पूरी संपत्ति पत्नी को देना चाहता है तो वसीयत बहुत जरुरी है -
2. आर बी आई ने ऑनलाइन ऋण देने वाली कम्पनियों से सावधान किया है -
3. कांटेक्टलेस कार्ड पेमेंट कि सीमा रु 2000 से 5000 कर दी गयी है - मतलब रु 5000 तक के पेमेंट के लिए पिन डालने की जरुरत नहीं होगी |
1. आयकर विभाग - पैसा जिसका घर उसका - सिविल कानून के अनुसार प्रॉपर्टी / घर उसका होता है जिसके नाम से प्रॉपर्टी खरीदी जाती है और जो रजिस्ट्रार के रिकॉर्ड में दर्ज होता है - भले ही उसका पेमेंट किसी ने किया हो | लेकिन आयकर विभाग के नियमों के अनुसार प्रॉपर्टी / मकान का मालिक वह होता है जिसने प्रॉपर्टी खरीदने के लिए राशी का भुगतान किया है | यानि सिविल नियम एवं आयकर नियम के अनुसार प्रॉपर्टी का मालिक अलग अलग होता है |
इसको इस तरह से समझे कि यदि कोई घर आपने अपनी पत्नी के नाम ख़रीदा है पर इसको खरीदने के लिए इ ऍम आई आपके वेतन से जा रहा है या आपने अपने बैंक बैलेंस से विक्रेता को भुगतान किया है तो आयकर विभाग कि नज़र में आप इस प्रॉपर्टी के मलिक है | इस स्तिथि के तीन मायने है -